Ram Prasad Bismil Poems English

Discussion in 'Poems and Poets' started by manish.pawar, Jan 24, 2014.

  1. manish.pawar

    manish.pawar New Member

    Collection of Patriotic Poetry by Indian Revolutionary Activist
    Ram Prasad Bismil Poems in English

    THE LAST VERSE
    [ English translation of 'Bismil's last verse]

    What's the use hats off, when the person died,What's the use of message which came after tide.
    मिट गया जब मिटने वाला फिर सलाम आया तो क्या ! दिल की बर्वादी के बाद उनका पयाम आया तो क्या !
    When hopes were dead & died every thought,What's the use of message if the messanger brought.
    मिट गईं जब सब उम्मीदें मिट गए जब सब ख़याल , उस घड़ी गर नामावर लेकर पयाम आया तो क्या !
    O Heart! go away from here and destroy thy notion, What's the use of it if thou did after motion.
    ऐ दिले-नादान मिट जा तू भी कू-ए-यार में , फिर मेरी नाकामियों के बाद काम आया तो क्या !
    Alas! had we seen our "goal" alive, What's the use of it, if achieved after life.
    काश! अपनी जिंदगी में हम वो मंजर देखते , यूँ सरे-तुर्बत कोई महशर-खिराम आया तो क्या !
    Worth seen were the last moments of 'Bismil',What's the use if the people saw it after thrill.
    आख़िरी शब् दीद के काबिल थी 'बिस्मिल' की तड़प , सुब्ह-दम कोई अगर बाला-ए-बाम आया तो क्या !


    DIRE-DESIRE

    Our heart has the dire desire to die, See! how much force killer apply.
    सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजुए-क़ातिल में है !
    Let the time come we will tell O Sky! What to tell now what we are to try.
    वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमाँ ! हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है !
    Hope of dy'ing has dragged us here, Landlovers' rush has increased high.
    खीँच कर लाई है हमको क़त्ल होने की उम्म्मीद, आशिकों का आज जमघट कूच-ए-क़ातिल में है !
    We dedicate to thee everything O Nation! Our deeds of dare they will notify.
    ऐ शहीदे-मुल्के-मिल्लत हम तेरे ऊपर निसार, अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफ़िल में है !
    Neither there is any zeal or wish, The heart of 'Bismil' now wants to die.

    अब न अगले बल्वले हैं और न अरमानों की भीड़, सिर्फ मिट जाने की हसरत अब दिले-'बिस्मिल' में है !



    SECRET OF LIFE
    [English translation of another Ghazal of 'Bismil']

    Ours is the talk in the field of foe, See! which stage has reached this show.
    चर्चा अपने क़त्ल का अब दुश्मनों के दिल में है, देखना है ये तमाशा कौन सी मंजिल में है ?
    O Countrymen! you learn to sacrifice, The secret of life is to cut across flow.
    कौम पर कुर्बान होना सीख लो ऐ हिन्दियो ! ज़िन्दगी का राज़े-मुज्मिर खंजरे-क़ातिल में है !
    Take it to shore very soon O Sailor! The boat of our country is out of the row.
    साहिले-मक़सूद पर ले चल खुदारा नाखुदा ! आज हिन्दुस्तान की कश्ती बड़ी मुश्किल में है !
    How be remove the dark of distress, This is now only our worry and woe.
    दूर हो अब हिन्द से तारीकि-ए-बुग्जो-हसद , अब यही हसरत यही अरमाँ हमारे दिल में है !
    Hang me up for the sake of freedom,Rest is the "will" of a 'Bismil's "woe".
    बामे-रफअत पर चढ़ा दो देश पर होकर फना , 'बिस्मिल' अब इतनी हविश बाकी हमारे दिल में है !


    A MARTYR'S MORALE

    [English translation of Jazb-E-Shaheed]

    We too could take the rest at home, We too could enjoy the pleasure of 'foam',
    We too had been the sons of someone,To nourish us what they have not done.
    At the time of departure from our's home, We could not say at least to them-
    "In case if the tears drop in lap, Think as if your child is there."
    हम भी आराम उठा सकते थे घर पर रह कर, हमको भी पाला था माँ-बाप ने दुःख सह-सह कर ,
    वक्ते-रुख्सत उन्हें इतना भी न आये कह कर, गोद में अश्क जो टपकें कभी रुख से बह कर ,
    तिफ्ल उनको ही समझ लेना जी बहलाने को !
    In our's fate was the torture since birth, We had the dole, the distress & dearth.
    Who had the care and dare so dire! When we had put our step in fire.
    Till farther had tried the country to sheer.
    अपनी किस्मत में अजल ही से सितम रक्खा था, रंज रक्खा था मेहन रक्खी थी गम रक्खा था ,
    किसको परवाह थी और किसमें ये दम रक्का था, हमने जब वादी-ए-ग़ुरबत में क़दम रक्खा था ,
    दूर तक याद-ए-वतन आई थी समझाने को !
    We have no woe of self but bother, Why downfall does the country disorder.
    When cometh the year of freedom in nation, Ours is the race that feels us a 'passion'.
    It's "we" who are anxious to die everywhere.
    अपना कुछ गम नहीं लेकिन ए ख़याल आता है, मादरे-हिन्द पे कब तक ये जवाल आता है ,
    कौमी-आज़ादी का कब हिन्द पे साल आता है, कौम अपनी पे तो रह-रह के मलाल आता है ,
    मुन्तजिर रहते हैं हम खाक में मिल जाने को !
    O Youths! in case if it clicks to you, Remember "us" ever for a while in view.
    Whether your body be cut into pieces, And your mother be drench in distress,
    Yet your faces be "fresh" with flair.
    नौजवानों! जो तबीयत में तुम्हारी खटके, याद कर लेना कभी हमको भी भूले भटके ,
    आपके अज्वे-वदन होवें जुदा कट-कट के, और सद-चाक हो माता का कलेजा फटके ,
    पर न माथे पे शिकन आये कसम खाने को !
    In our veins runs the blood of a "moth", We have now taken for the Nation an oath.
    So are performed customs of a "Martyr",The brothers embrace their swords altogether,
    And the sisters are ready to sit on the "pyre".
    एक परवाने का बहता है लहू नस-नस में, अब तो खा बैठे हैं चित्तौड़ के गढ़ की कसमें ,
    सरफ़रोशी की अदा होती हैं यूँ ही रस्में, भाई खंजर से गले मिलते हैं सब आपस में ,
    बहने तैयार चिताओं से लिपट जाने को !
    We dedicate head and sacrifice heart, To our motherland we offer every sort.
    We know not where to dwell & dine, Be merry friends! we march align,
    To inhibit any "solitude" somewhere.
    सर फ़िदा करते हैं कुरबान जिगर करते हैं, पास जो कुछ है वो माता की नजर करते हैं ,
    खाना वीरान कहाँ देखिये घर करते हैं! खुश रहो अहले-वतन! हम तो सफ़र करते हैं ,
    जा के आबाद करेंगे किसी वीराने को !
    O Youths! it's the proper time to face, Wear every sort of suffering for the "race".
    It's nothing if you bestow for country, your blood. Take the blessings of "Mother" in a flood.
    Let us see! who cometh next to share.

    नौजवानो ! यही मौका है उठो खुल खेलो, खिदमते-कौम में जो आये वला सब झेलो ,
    देश के वास्ते सब अपनी जबानी दे दो , फिर मिलेंगी न ये माता दुआएँ ले लो ,
    देखें कौन आता है ये फ़र्ज़ बजा लाने को ?


    Translations by Patriot - Dr.'Krant' M.L.Verma
     


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