पाकिस्तान से सीमा पार भारतीय सरहद में घुसे 17 आतंकवादियों को भारतीय सेना ने पांच दिन चले संघर्ष में मार गिराया। मातृभूमि की रक्षा करते हुए इस मुठभेड़ में भारत के आठ वीर जवान भी शहीद हो गए। देश के इन्हीं वीर सपूतों में एक कश्मीरी जवान शब्बीर अहमद मलिक भी थे। तिरंगे में लिपटे शहीद मलिक के ताबूत को कंधा देने के लिए मंगलवार, 24 मार्च 2009 को उनका पूरा का पूरा गांव उमड़ आया। देश की रक्षा में शहीद हुए इस अमर जवान के भारतीय तिरंगे में लिपटे शव को कंधा देने के लिए डाब और आसपास के गावों से हजारों कश्मीरी इकठ्ठा हो गए। शुक्रवार, 20 मार्च 2009 को जैसे ही भारतीय सेना को सीमापार से आतंकियों की घुसपैठ की सूचना मिली, उसने भाड़े के इन आतंकवादियों को कुपवाड़ा (कश्मीर) के जंगलों में घेर लिया। पांच दिनों तक बर्फ-बारिश के बीच शहीद मलिक जैसे सेना के वीर जवानों ने आतंकियों को तब तक चैन नहीं लेने दिया, जब तक उन्होंने उन्हें भारतीय भूमि पर बिना इजाजत कदम रखने की सजा नहीं दे डाली। वीर शहीद शब्बीर को सात सात प्रणाम. इन्होने भारत माता के लिए कुर्बानी देकर बताया है की हिंदू और मुसलमान दोनो बराबर है । हमे देश के वीर जवानो पर गर्व है और मैं शब्बीर और रोहित शर्मा को सल्यूट करता हू ईश्वर इनके परिवार को सांत्वना दे । Jai Hind !